Rabbit और Tortoise की कहानी हिंदी मे – Rabbit Tortoise story in Hindi
Rabbit हँसते हुए बोला-“तो ठीक है, अगर तुम्हारी एसी इच्छा है तो दौड़ हो जाए।” Tortoise Rabbit की बात से सहमत हो गया। अगले दिन उन्होने तालाब के किनारे के एक मैदान को दौड़ के लिए चुना। वहाँ से एक मील दूर स्थित बरगद के पेड़ को वह स्थान माना जहाँ दौड़ खत्म होनी थी। दौड़ शुरू हो गई। Rabbit तो पलक झपकते ही दौड़ा और बहुत दूर निकल गया। लेकिन Tortoise धीमी गति से चलता रहा।
लगभग आधा Mile पहुँचकर Rabbit रुका और पीछे मुड़कर देखा कि आखिर Tortoise कहाँ गया? जब उसे Tortoise दूर तक कही नजर नही आया तो उसने सोंचा-कुछ देर आराम क्यों न कर लूँ। जब Tortoise दिखाई देगा तो उठकर तेजी से दौड़ लूँगा। यह सोचकर वह वही एक पेड़ के नीचे बैठकर आराम करने लगा और कुछ ही देर में उसे गहरी नींद आ गई।
उधर Tortoise धीमी गति से निरंतर अपनी मंजिल की ओर बढ़ता रहा। Rabbit बहुत देर तक सोता रहा। जब वह जागा तो उसे Tortoise कहीं नजर नही आया। वह फुर्ती से उठा और तेजी से बरगद के पेड़ की ओर दौड़ने लगा। लेकिन पेड़ के निकट पहुँचते ही मानो उस पर बिजली-सी गिरी। वह यह देखकर चकित रह गया कि Tortoise तो वहा पहले से ही मौजूद था। वह हार गया था।
उसने आगे बढ़कर कछुए को बधाई दी। उस दिन से उसने कछुए की धीमी चाल का मजाक उड़ाना बंद कर दिया।