Mobile Safety Precautions | Mobile Safety – मोबाइल सेफ्टी

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मोबाइल फोन के बिना अब हम जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर पाते। आदत ऐसी बन गई है और आज के इस युग में हम मोबाइल फ़ोन्स का उपयोग करना छोड़ तो नहीं सकते लेकिन कुछ Mobile Safety Precautions तो जरूर ले सकते हे

दोस्तों इस कहानी में हमे मोबाइल फ़ोन यूज़ करते समय कौन कौन सी बात ध्यान में रखनी चाहिए उसके बारेमे देखेंगे

Mobile Safety Precautions

रेडिएशन हमारे शरीर के लिए बेहद हानिकारक होते हे और मोबाइल फ़ोन्स के रेडिएशन बहुत ही स्ट्रांग होते हे. और उनका रेडियस लगभग २ से ३ फ़ीट होता हे ,छोटे बच्चे और बीमार लोगो के लिए ये रेडिएशन बहुत ही ज्यादा खतरनाक हे कई बार डॉक्टर हमे जब भी हम बीमार होते हे तब इन मोबाइल फ़ोन्स से दूर रेहने की सलाह देते हे

Mobile Phone Safety Precautions

आज के इस युग में हम मोबाइल फ़ोन्स का उपयोग करना छोड़ तो नहीं सकते किन्तु कुछ precaution तो जरूर ले सकते हे.जैसे की मोबाइल को चार्ज करे वक्त तो मोबाइल का उपयोग बिलकुल भी न करे कम सिग्नल और low बैटरी होने पर फ़ोन्स का इस्तेमाल न करे

सोते वक्त अपने मोबाइल फ़ोन्स को कम से कम 5 फ़ीट की दुरी पर रख्खे और मोबाइल फ़ोन्स को कभी तकिये के निचे रखकर मत सोये. 18 साल से काम उमर के बच्चे और प्रेग्नेंट वूमेन इन डिवाइस को सिर्फ जरुरत पड़ने पर ही use करे मोबाइल फ़ोन use करते समय हंमेशा ear phones का इस्तेमाल करे.रात को मोबाइल फ़ोन्स का उपयोग कम से कम करे क्योकि मोबाइल फ़ोन में जो ब्लू लाइट होती हे वो रात को हमारी आँखों के लिए बहुत ही ज्यादा नुकसान करक हे

Mobile Phone की SAR Value चेक करे

नया मोबाइल खरीद ने से पहले उसकी SAR value जरूर देख ले और वो ही मोबाइल purchase करे जिसकी SAR वैल्यू कम हो | हर एक मोबाइल फ़ोन्स की SAR value diffrent diffrent होती हे SAR means (Specific absorption rate ) मोबाइल फ़ोन यूज़ करते समय हमारे शरीर में जाने वाली रेडिएशन की मात्रा को SAR केहते हे international standard के हिसाब से इसकी highest limit 1.6 W/Kg होती हे आप इंटरनेट अथवा स्मार्ट फ़ोन में *#07# Dial कर अपने फ़ोन का SAR वैल्यू जान सकते हे

फ़ोन के यूजर मैन्युअल में यहाँ तक लिखा होता हे की body और डिवाइस के 15mm का अंतर रखे. रिसर्च ने भी ये बताय हे की इन गैजेट्स को अगर हम 10 से 15 मिनट्स तक अपने बॉडी से कनेक्टेड रखते हे तो वहा का टेम्प्रेचर कम से कम २ डिग्री बढ जाता हे

रेडिएशन के कारन पिछले कुछ सालो में कैंसर और हार्ट अटैक के cases कई गुना बढ़ गए हे