बालगीत ‘चंदा मामा गोल मटोल’ में चंद्र की विशेषता को दर्शाते हुए बच्चों को समझाने की कोशिश की गई है की किस तरह चाँद पहले छोटा होता है और फिर दिन पर दिन अपने आकार को बढ़ाते हुए पूर्णिमा के दिन अपने पूर्ण आकार में जाते हे।
”चंदा मामा गोल मटोल” हिंदी में
चंदा मामा गोल मटोल
कुच तो बोल कुच तो बोल
चंदा मामा गोल मटोल
कुच तो बोल कुच तो बोल
कल थे आधे आज हो गोल
खोल भी दो अब अपनी पोल
कल थे आधे आज हो गोल
खोल भी दो अब अपनी पोल
चंदा मामा गोल मटोल
कुच तो बोल कुच तो बोल
चंदा मामा गोल मटोल
कुच तो बोल कुच तो बोल
रात होते ही तुम आजाते
संग साथ सितारे लाते.
रात होते ही तुम आजाते
संग साथ सितारे लाते.
लेकिन दिन मई कहाँ छिप जाते,
कुच तो बोल कुच तो बोल.
लेकिन दिन मई कहाँ छिप जाते,
कुच तो बोल कुच तो बोल.
चंदा मामा गोल मटोल
कुच तो बोल कुच तो बोल
चंदा मामा गोल मटोल
कुच तो बोल कुच तो बोल
चंदा मामा गोल मटोल
कुच तो बोल कुच तो बोल
चंदा मामा गोल मटोल
कुच तो बोल कुच तो बोल
“Chanda Maama Gol Matol” Lyrics In English
chanda maama gol matol
kuch to bol , kuch to bol
chanda maama gol matol
kuch to bol , kuch to bol
kal the aadhe ,aaj ho gol
khol bhee do ab apanee pol
kal the aadhe ,aaj ho gol
khol bhee do ab apanee pol
chanda maama gol matol
kuch to bol , kuch to bol
chanda maama gol matol
kuch to bol , kuch to bol
raat hote hee tum aajaate
sang saath sitaare laate.
raat hote hee tum aajaate
sang saath sitaare laate.
lekin din maee kahaan chhip jaate,
kuch to bol,kuch to bol.
lekin din maee kahaan chhip jaate,
kuch to bol,kuch to bol.
chanda maama gol matol
kuch to bol , kuch to bol
chanda maama gol matol
kuch to bol , kuch to bol
chanda maama gol matol
kuch to bol , kuch to bol
chanda maama gol matol
kuch to bol , kuch to bol
निष्कर्ष :
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